UK-PSC Interview 2025: नैतिकता, सत्यनिष्ठा और परिस्थितिजन्य प्रश्न
UK-PSC 2025: नैतिकता और सत्यनिष्ठा प्रश्न – निर्णय में सफलता
UK-PSC 2025: नैतिकता और सत्यनिष्ठा प्रश्न – निर्णय में सफलता में जब उम्मीदवार अंतिम चरण तक पहुँचता है, तब बोर्ड केवल यह नहीं देखता कि वह कितना जानता है, बल्कि यह भी परखता है कि वह कैसा व्यक्ति है। प्रशासनिक सेवा केवल नियमों और फाइलों का काम नहीं है; यह चरित्र, विवेक, संवेदनशीलता और नैतिक साहस की निरंतर परीक्षा है। इसी कारण इंटरव्यू का यह भाग—नैतिकता, सत्यनिष्ठा और परिस्थितिजन्य प्रश्न—पूरे चयन की आत्मा माना जाता है।
यह सेक्शन उम्मीदवार की किताबों से परे जाकर उसकी मानवीय समझ, निर्णय क्षमता और मूल्य-आधारित सोच को सामने लाता है। एक अधिकारी गलत निर्णय ले सकता है, लेकिन यदि उसका चरित्र मजबूत है, तो वह गलती को सुधार सकता है। यही विश्वास इंटरव्यू बोर्ड खोजता है।

5.1 परिचय: चरित्र की परीक्षा (The Test of Character)
UK-PSC 2025: नैतिकता और सत्यनिष्ठा प्रश्न – निर्णय में सफलता में नैतिकता का मूल्यांकन किसी परिभाषा या सिद्धांत के रूप में नहीं होता, बल्कि आपके दृष्टिकोण और व्यवहार के रूप में होता है। बोर्ड यह जानना चाहता है कि जब आप शक्ति, दबाव और विवेक के चौराहे पर खड़े होंगे, तो आपका चुनाव क्या होगा।
चरित्र की परीक्षा तब होती है जब:
– कानून और नैतिकता आमने-सामने हों
– वरिष्ठ का आदेश जनहित के खिलाफ हो
– राजनीतिक या सामाजिक दबाव निर्णय को प्रभावित करे
– व्यक्तिगत लाभ और सार्वजनिक कर्तव्य में टकराव हो
इन परिस्थितियों में सही उत्तर कोई “आदर्शवादी भाषण” नहीं, बल्कि व्यावहारिक, संवैधानिक और नैतिक संतुलन होता है।
इंटरव्यू बोर्ड यह नहीं चाहता कि आप हर स्थिति में “हीरो” बनें। वे यह देखना चाहते हैं कि:
– क्या आप नियमों को समझते हैं?
– क्या आप विवेकपूर्ण ढंग से निर्णय लेते हैं?
– क्या आप जवाबदेही स्वीकार करते हैं?
– क्या आप जनहित को सर्वोपरि रखते हैं?
नैतिकता का यह परीक्षण मौखिक नहीं, बल्कि व्यक्तित्व आधारित होता है।
5.2 “मिलियन डॉलर” का सवाल: “सिविल सेवा ही क्यों?”
UK-PSC 2025: नैतिकता और सत्यनिष्ठा प्रश्न – निर्णय में सफलता का सबसे महत्वपूर्ण और अक्सर पूछा जाने वाला प्रश्न है—
“आप सिविल सेवा में क्यों आना चाहते हैं?”
इसे “मिलियन डॉलर प्रश्न” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका उत्तर पूरे इंटरव्यू की दिशा तय कर देता है। यहाँ बोर्ड आपके उद्देश्य, ईमानदारी और आत्म-जागरूकता को परखता है।
गलत दृष्टिकोण
कई उम्मीदवार इस प्रश्न का उत्तर रटी-रटाई पंक्तियों से देते हैं—
“देश सेवा”, “समाज के लिए कुछ करना”, “सम्मानजनक नौकरी”।
ये बातें गलत नहीं हैं, लेकिन अधूरी और सतही हैं।
बोर्ड क्या सुनना चाहता है?
बोर्ड यह जानना चाहता है:
– क्या आप सेवा को शक्ति मानते हैं या जिम्मेदारी?
– क्या आप बदलाव को ऊपर से थोपना चाहते हैं या सिस्टम के भीतर रहकर सुधार करना चाहते हैं?
– क्या आप असुविधाओं और कठिन पोस्टिंग्स के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं?
एक परिपक्व उत्तर कैसा हो?
एक अच्छा उत्तर व्यक्तिगत अनुभव, सामाजिक समझ और प्रशासनिक दृष्टि का संतुलन होता है। उदाहरण के लिए:
– आपने अपने जिले में प्रशासनिक समस्याएँ देखीं और महसूस किया कि नीति और कार्यान्वयन के बीच खाई है।
– आपने महसूस किया कि एक अधिकारी के रूप में आप संसाधनों का बेहतर उपयोग और जनता के साथ संवाद स्थापित कर सकते हैं।
यह उत्तर ईमानदार, व्यक्तिगत और यथार्थवादी होना चाहिए।
Integrity का प्रतिबिंब
इस प्रश्न में आपकी सत्यनिष्ठा झलकती है। यदि आपका उद्देश्य स्पष्ट और सच्चा है, तो बोर्ड को भरोसा होता है कि आप दबाव में भी अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेंगे।

5.3 परिस्थितिजन्य प्रतिक्रिया परीक्षण (Situational Reaction Tests – SRTs)
SRTs UK-PSC इंटरव्यू का सबसे निर्णायक हिस्सा होते हैं। यहाँ बोर्ड आपको एक काल्पनिक लेकिन वास्तविकता से जुड़ी स्थिति देता है और देखता है कि आप कैसे सोचते हैं, कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और कैसे निर्णय लेते हैं।
SRTs का उद्देश्य
SRTs का उद्देश्य यह देखना नहीं है कि आप कितने “स्मार्ट” हैं, बल्कि यह देखना है कि:
– क्या आप तनाव में भी शांत रहते हैं?
– क्या आप त्वरित लेकिन विवेकपूर्ण निर्णय ले सकते हैं?
– क्या आप नियम, नैतिकता और जनहित के बीच संतुलन बना सकते हैं?
SRTs की सामान्य थीम्स
UK-PSC इंटरव्यू में SRTs अक्सर इन विषयों पर आधारित होते हैं:
– भ्रष्टाचार
– आपदा प्रबंधन
– कानून-व्यवस्था
– राजनीतिक दबाव
– महिला और कमजोर वर्गों की सुरक्षा
– संसाधनों की कमी
– प्रशासनिक असफलता
उत्तर देने की सही संरचना
एक प्रभावी SRT उत्तर सामान्यतः चार चरणों में होता है:
पहला चरण: स्थिति की समझ
दिखाइए कि आपने समस्या को सही तरीके से समझा है। जल्दबाज़ी में निष्कर्ष न निकालें।
दूसरा चरण: प्राथमिक कार्रवाई
तत्काल क्या करेंगे? स्थिति को नियंत्रित करना, लोगों की सुरक्षा, सूचना एकत्र करना।
तीसरा चरण: नियम और नैतिकता
कानून, सेवा नियम और नैतिक मूल्यों के अनुसार निर्णय।
चौथा चरण: दीर्घकालिक समाधान
भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए, इसके लिए सुधारात्मक कदम।
उदाहरण
यदि आपसे पूछा जाए:
“आप SDM हैं और आपके सामने भ्रष्टाचार में लिप्त एक प्रभावशाली व्यक्ति है।”
एक संतुलित उत्तर होगा:
– तथ्यों की पुष्टि
– कानूनी प्रक्रिया का पालन
– पारदर्शिता बनाए रखना
– वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना
– जनता का विश्वास बनाए रखना
यह उत्तर न तो डरपोक है, न ही अव्यावहारिक।
उत्तराखंड संदर्भ में नैतिकता
UK-PSC 2025: नैतिकता और सत्यनिष्ठा प्रश्न – निर्णय में सफलता में नैतिकता के प्रश्न अक्सर उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों से जुड़े होते हैं:
– आपदा के समय राहत वितरण
– दुर्गम क्षेत्रों में प्रशासन
– वन और भूमि से जुड़े विवाद
– पर्यटन और पर्यावरण का टकराव
यहाँ बोर्ड यह देखता है कि क्या आप स्थानीय संवेदनशीलता को समझते हैं। उत्तराखंड जैसे राज्य में नैतिकता केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण भी है।
आम गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए
– अत्यधिक आदर्शवादी उत्तर
– “मैं ऐसा कभी नहीं होने दूँगा” जैसे अव्यावहारिक दावे
– नियमों की पूरी अनदेखी
– व्यक्तिगत राय को कानून से ऊपर रखना
– जल्दबाज़ी में उत्तर देना
इंटरव्यू में संयम और विवेक सबसे बड़ा गुण है।
निष्कर्ष
UK-PSC 2025: नैतिकता और सत्यनिष्ठा प्रश्न – निर्णय में सफलता नैतिकता, सत्यनिष्ठा और परिस्थितिजन्य प्रश्न यह तय करते हैं कि आप केवल योग्य उम्मीदवार हैं या विश्वसनीय प्रशासक।
चरित्र की परीक्षा यह दिखाती है कि आप कौन हैं।
“सिविल सेवा क्यों?” यह बताता है कि आप क्यों यहाँ हैं।
SRTs यह साबित करते हैं कि आप कठिन परिस्थितियों में कैसे निर्णय लेंगे।
अंततः, UK-PSC बोर्ड ऐसे अधिकारियों का चयन करना चाहता है जो:
– संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखते हों
– जनता के प्रति जवाबदेह हों
– दबाव में भी नैतिक साहस दिखा सकें
नैतिकता कोई विषय नहीं—यह आपकी पहचान है।
और इंटरव्यू में वही पहचान सबसे अधिक बोलती है।
